
स्कूली बच्चों को बाघ और हाथियों से खतरा
बंदूकों के साये में स्कूल और घर छोड़ा जा रहा छात्र-दात्राओं को
सलीम मलिक
सीनियर जर्नलिस्ट
उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर में स्थित कॉर्बेट नेशनल पार्क और इससे सटे अन्य जंगलों में वन्य जीवों का आतंक सिर चढ़कर बोल रहा है। आदमखोर बाघ, गुलदार और हिंसक हाथियों के चलते जहां तमाम लोग मौत का शिकार बन रहे हैं तो इन क्षेत्रों से सटे ग्रामीण इलाकों की खेती भी इनकी वजह से लगातार चौपट हो रही है। अभी तक ग्रामीणों को त्रस्त करने के स्तर पर रही यह समस्या धीरे धीरे इतना विकराल रूप धारण कर रही है कि वन्य जीवों के आतंक की वजह से स्कूल जाने वाले बच्चों की जान तक को खतरा बना हुआ है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की ढेला रेंज के जंगलों में बढ़ते हाथियों के उत्पात और बाघ की दहशत के चलते स्कूली बच्चे वनकर्मियों की बंदूक के साए में स्कूल जाने को मजबूर हो गए हैं। वन्य जीवों के इसी खौफ की वजह से रामनगर तहसील के ढेला गांव में स्थित राजकीय इंटर कालेज में अध्ययनरत पटरानी गांव के बच्चों को वन विभाग के कर्मियों की सुरक्षा में स्कूल लाया व स्कूल बंद होने के बाद उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाया जा रहा है।
ढेला इंटर कालेज के शिक्षक नवेन्दु मठपाल ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से पटरानी से स्कूल आने वाले बच्चों द्वारा जंगल के रास्ते में हाथियों का झुंड मिलने की शिकायत की जा रही थी। जिस पर सुरक्षा के लिहाज से स्कूल प्रशासन की ओर से इसकी सूचना कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला रेंज के अधिकारियों को दी गयी थी। इसके साथ ही विद्यालय की ओर से बच्चों को कई बच्चों के झुंड में आने या ज्यादा खतरा महसूस होने की स्थिति में स्कूल न आने की भी सलाह दे दी गई।
लेकिन बीते दिवस विद्यालय आने वाले बच्चो ने बताया कि अपने बच्चों के साथ जंगल में घूम रहे हाथियों के एक बड़े झुंड द्वारा उनका रास्ता रोका गया है। इसके अलावा विद्यालय आने जाने वाले रास्ते में अपने शावकों के साथ एक बाघिन भी अक्सर देखी जा रही है। जिसके बाद प्रधानाचार्य श्रीराम यादव द्वारा बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से इसकी सूचना कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की ढेला रेंज की वनाधिकारी संचिता वर्मा को दी गयी। जिस पर वनाधिकारी रेंजर वर्मा ने विद्यालय आकर पटरानी गांव से स्कूल आने वाले स्कूली बच्चों से बातचीत कर हाथियों के झुंड और अपने शावकों के साथ घूमने वाली बाघिन की सटीक लोकेशन पता करते हुए वनकर्मियों को बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से उनके
विद्यालय आने और जाने के दौरान एस्कॉर्ट करने के निर्देश दिए। वनाधिकारी के निर्देशों पर अब स्कूली बच्चों को ढेला रेंज के वाहन में वनकर्मी मनवर रावत, कपिल रावत, कुबेर बंगारी के साथ पटरानी से वन सुरक्षा कर्मियों के साथ बंदूक के साए में स्कूल लाया व शाम को विद्यालय की छुट्टी होने के बाद सुरक्षित बच्चों के घर पहुंचाया जा रहा है।
इस मामले में वनाधिकारी संचिता वर्मा ने बताया कि विद्यालय के अध्यापकों द्वारा उन्हें विद्यालय आने वाले बच्चों के जंगल के रास्ते में वन्य जीवों की मौजूदगी की सूचना दी गई थी। जिस वजह से बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते वन विभाग द्वारा उन्हें घर से स्कूल और स्कूल से छुट्टी के बाद शाम को उनके घर सुरक्षित पहुंचाने के लिहाज से वनकर्मियों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही बच्चों ने जिन स्थानों पर वन्य जीवों की मौजूदगी बताई है, उस स्थान पर भी वनकर्मियों की सुरक्षा गश्त को बढ़ाया जा रहा है। जिससे जंगल में मानव वन्यजीव संघर्ष की किसी भी संभावित घटना से बचा जा सके।
लगातार हमले
हाल में दिनों में कार्बेट टाइगर रिजर्व के आसपास लैपर्ड और टाइगर ने कई लोगों में हमले किये हैं। इनमें 5 लोगों की मौत हो चुकी है। हालात इतने बदतर हैं कि कुछ महीने पहले लैपर्ड में चलती बाइक पर हमला कर दिया और पीछे बैठे युवक को झपड़ लिया। बाद में युवक का क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया। पिछले हफ्ते टाइगर रिजर्व से लगते धनगढ़ी में हाइवे पर बाघ ने एक पूर्व सैनिक पर हमला कर दिया। पूर्व सैनिक का आधा खाया शव एक दिन बाद कोसी रेंज में मिला। मोहान और धनगढ़ी के बीच भी एक विक्षिप्त युवक का भी बाघ ने शिकार कर दिया। उसका शव भी दो दिन बाद मिला। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से सटे गांवों के लोग बाघ और गुलदार के आतंक से वो लोग परेशान रहते हैं। बाघ और गुलदार की आवाजाही से इन गांवों के लोगों में दहशत है। लोग अकेले अपने घरों से निकलने में डर रहे हैं। साथ ही बाहर खेलने पर बच्चों के ऊपर भी खतरा मंडराता रहता है।
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