संसद में धुआं-धुआं: कैसे लग गई सुरक्षा में सेंध!
त्रिलोचन भट्ट
तू इधर-उधर की बात न कर, ये बता कि काफिला क्यों लुटा? मुझे रहजनों से गिला नहीं, तिरी रहबरी का सवाल है। बहरों को सुनाने के लिए धमाके करने पड़ते हैं, यह बात अपनी जगह बिल्कुल दुरुस्त है। शहीदे आजम भगत सिंह ने भी ये बात कही…