भूखा-प्यासा रख नारी शक्ति का यह कैसा वंदन ?
इंद्रेश मैखुरी
“आजी जा दीदी तीं गाड़ी मा अगस्तमुनि का सैणा
दिन भर भूखा भी रैना, पाणी बिन तिसैण्या”
(और जा दीदी गाड़ी में बैठ कर उस अगस्त्यमुनि के मैदान, दिन भर भूखे भी रहे, प्यास से हलकान)
एक स्थानीय लोकगायक के गढ़वाली गीत की इन…