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त्रिलोचन भट्ट

पहाड़ के लड़कों को क्यों नहीं मिल रही दुल्हन

त्रिलोचन भट्ट यदि आप भी अपने बेटे के लिए बहू ढूंढ रहे हैं और बहू नहीं मिल पा रही है तो हो सकता है इसके लिए अस्पताल का बोर्ड जिम्मेदार हो। अब आप कहेंगे कि बहू न मिलने के लिए अस्पताल का बोर्ड कैसे जिम्मेदार हो सकता है? बहू तो इसलिए…

संभल से उत्तरकाशी तक नफरत की खेती

त्रिलोचन भट्ट क्या बीजेपी संविधान में विश्वास जताने की ड्रामेबाजी भी अब पूरी तरह से छोड़ चुकी है या छोड़ने जा रही है? संविधान में विश्वास जताने के बीजेपी जो दावे करती है, वह सिर्फ ड्रामेबाजी ही होती है। जिस संविधान की बदौलत बीजेपी और…

कृषि भूमि को बंजर बताकर बेचने की साजिश

चारु तिवारी हमने 'स्थाई राजधानी गैरसैंण संघर्ष समिति' के तत्वावधान में 10-25 अक्टूबर, 2018 पंचेश्वर से उत्तरकाशी तक 'जन संवाद यात्रा' निकाली थी। जिसमें सबसे प्रमुख पांच मुद्दे उत्तराखंड में भू कानून को लेकर थे। उसी समय तत्कालीन…

एसएसपी डांट रहे, एमएलए गाली दे रहे, उत्तराखंड में सब चंगा सी

त्रिलोचन भट्ट उत्तराखंड में सब चंगा है। सत्ताधारी बीजेपी के विधायक लोगों को फोन पर भद्दी गालियां दे रहे तो एसएसपी सवाल कर रहे कि किसने कह दिया कि अधिकारी पत्रकारों के सवालों का जवाब देेंगे। बहरहाल विधायक साहब के लिए तो क्या कहा…

केदारनाथ उपचुनाव: किसने किसको मदद पहुंचाई

त्रिलोचन भट्ट केदारनाथ विधानसभा उप चुनाव का नतीजा अब सामने है। बीजेपी की आशा नौटियाल ने 5 हजार 623 वोट से जीत हासिल कर दी है। कांग्रेस की कुल उपलब्धि इतनी रही कि 2022 के विधानसभा चुनावों की तुलना में उसका प्रदर्शन कुछ सुधर गया और कांग्रेस…

मरचुला बस हादसा : कौन है जिम्मेदार

त्रिलोचन भट्ट उत्तराखंड को प्राकृतिक आपदाओं का राज्य कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस राज्य में सबसे ज्यादा मौतें आपदाओं से नहीं बल्कि सड़क हादसों से होती हैं। और सड़क दुर्घटनाएं क्यों होती हैं? लापरवाही से। जानलेवा सरकारी लापरवाही…

प्रेमचंद पर पूर्व डीजीपी का अनोखा ज्ञान

इंद्रेश मैखुरी 31 जुलाई को हिंदी कथा साहित्य के बेजोड़ शिल्पी प्रेमचंद की जयंती होती है. 31 जुलाई 1880 को प्रेमचंद का जन्म हुआ और 08 अक्टूबर 1936 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. इस बीच उन्होंने जो साहित्य रचा, वो समाज के…

कांवड़ यात्रा: जहर की फसल, सौहार्द्र के गुलाब

त्रिलोचन भट्ट एक जाने-माने कवि हैं यश मालवीय। उनकी एक कविता है, जो उन्होंने हाल के दौर में लिखी है। पहले हम उनकी कविता की कुछ पंक्तियां देखते हैं- दबे पैरों से उजाला आ रहा है फिर कथाओं को खंगाला जा रहा है धुंध से चेहरा निकलता दिख रहा है…

डराती है केदारनाथ की यह भयंकर भीड़

त्रिलोचन भट्ट उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट अगले छह महीने के लिए खोल दिये गये हैं। इन धामों में और खासकर केदारनाथ में कपाट खुलने के दौरान जो भीड़ नजर आई, उसे देखकर मन में एक सवाल उठा। मैं आपकेे सामने भी यह सवाल रखना चाहता हूं।…