भारत बनाया जा रहा तालिबानी देश

जीतेगा भारत हारेगी नफरत अभियान के तहत सामाजिक संगठनों और विपक्षी राजनीतिक दलों से देहरादून में गणतंत्र दिवस के मौके पर ‘संविधान बचाओ, देश बचाओ‘ यात्रा निकाली। बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा से शुरू हुई यह यात्रा गांधी पार्क तक पहुंची और गांधी जी की प्रतिमा के सामने संविधान से छेड़छाड़ के किसी भी प्रयास को डटकर विरोध करने का संकल्प लिया गया।

एक दर्जन से ज्यादा सामाजिक संगठनों और लगभग सभी प्रमुख विपक्षी दलों के लोग दोपहर को घंटाघ के पास बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा के पास एकत्रित हुए। यहां बाबा साहेब की प्रतिम का माल्यार्पण किया गया और संविधान की उद्देशिका का पाठ किया गया। इसके बाद ‘हो सावधान, आया तूफान, पर दूर नहीं है किनारा जगगीत गाया गया।

अंबेडकर पार्क से जुलूस की शक्ल में संविधान बचाओ देश बचाओ यात्रा गांधी पार्क की ओर बढ़ी। इस दौरान संविधान बचाने के लिए नारे लगाये गये और जनगीत गाये गये। गांधी पार्क में गांधी जी प्रतिमा के सामने एक सभा का आयोजन किया गया। यहां एक बार फिर से जनगीत गाये गये और बापू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।

इस सभा में उत्तराखंड इंसानियत मंच के डॉ. रवि चोपड़ा ने उपस्थित लोगों को संविधान की रक्षा का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सत्ता बार-बार संविधान के मूल ढांचे के साथ छेड़छाड़ कर रही है। सरकार लगातार भारत की एकता, अखंडता और भाईचारे को खत्म करने का प्रयास कर रही है। इसे किसी भी हालत में बर्खास्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार फिर से सत्ता में आई तो संविधान को बदलने की भी रूपरेखा बनाई गई है। ऐसे में 2024 के चुनावों में केन्द्र की भाजपा सरकार को हर हाल में हराना होगा। उनका कहना था कि भारत को मोजूदा सरकार तालिबानी देश बना रही है। उन्होंने कहा कि अगले 14 हफ्ते हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इन 14 हफ्तों में हमें ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचना होगा और केन्द्र के मौजूदा सत्ता के कारनामों को खिलाफ लोगों को एकजुट करना होगा। उन्होंने संविधान को मानने वाले सभी सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ेका आह्वान किया कि वे गांधी जी की पुण्यतिथि पर 30 जनवरी को गांधी पार्क में गांधी जी की प्रतिमा के सामने सुबह 11 बजे जरूर पहुंचें।

संविधान बचाओ, देश बचाओ यात्रा में मुख्य रूप से उत्तराखंड इंसानियत मंच, उत्तराखंड महिला मंच, सर्वाेदय मंडल, भारत ज्ञान विज्ञान समिति, चेतना आंदोलन, इप्टा, अखिल भारतीय किसान सभा,  सिटीजन फॉर ग्रीन दून, एसएफआई आदि ने हिस्सा लिया। राजनीतिक दलों की ओर से कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई-एमएल और समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधियों ने इस यात्रा में हिस्सा लिया।

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