सीएम साहब! बंद करो ये हेल्पलाइन का प्रपंच

त्रिलोचन भट्ट

त्तराखंड की डबल इंजन सरकार आम लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए बहुत पसीना बहा रही है। आपकी शिकायतों को दर्ज करवाने और उनका निस्तारण करने के लिए हेल्पलाइन हैं और ऐप भी हैं। बस आपको गूगल प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड करना है और निर्धारित फार्म में शिकायत दर्ज कर देनी है। आपको तुरंत शिकायत नंबर मिल जाएगा। आप चाहें तो ऐप पर अपनी शिकायत की प्रोग्रेस ट्रेक भी कर सकते हैं। कुछ दिन बाद आपके पास मैसेज आ जाएगा कि फलां तारीख को आपने जो शिकायत की थी, और जिसका शिकायत क्रमांक, मतलब कंपलेन नंबर फलां-फलां था, वह शिकायत रिसॉल्व हो गई हैं, यानी कि शिकायत का निराकरण हो चुका है। अब यह बात अलग है कि शिकायत का निराकरण वास्तव में हो गया है कि नहीं। मैसेज आ गया है तो आपको मानना पड़ेगा कि शिकायत दूर हो चुकी है। हेल्प लाइन और इस तरह के ऐप के नाम पर क्या कुछ हो रहा है, डबल इंजन की सरकार में, विस्तार से बात करेंगे इस वीडियो में। मुख्यमंत्री हेल्प लाइन की असलियत भी खोलेंगे, जिसे लेकर अखबारों में रोज बड़ी-बड़ी खबरें छप रही हैं।


शहरों में स्ट्रीट लाइट खराब हो जाना आम बात होती है। लेकिन इनके खराब हो जाने से लोगों में बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। हम आज जानने का प्रयास करेंगे कि उत्तराखंड की टेंपरेरी राजधानी देहरादून में स्ट्रीट लाइट की शानदार व्यवस्था को कैसे मैनेज किया जा रहा है। शहर में स्ट्रीट लाइट लगाने और मेंटेनेंस का काम एक ठेकेदार कंपनी के पास है। कंपनी गुजरात की ही है या कहीं और की, यह जानकारी नहीं मिल पाई है। नहीं भी होगी तो कोई न कोई गुजरात कनेक्शन उसका होगा ही। नगर निगम प्रशासन और ठेकेदार कंपनी स्ट्रीट लाइट खराब होने के कारण आपको होने वाली परेशानी के प्रति बेहद संवेदनशील हैं। इस बात का मुझे तब पता चला जब मैंने नगर निगम के ऑफिस में जाकर अपने घर के आसपास की स्ट्रीट लाइटें खराब होने की शिकायत की। मेरा मोबाइल नंबर लेकर शिकायत दर्ज की गई। तुरंत मेरे पास मैसेज भी आ गया।

बात 15 जुलाई की है। शिकायत दर्ज हुई और मेरे मोबाइल पर ये मैसेज आ गया। कंपलेंट नंबर है-एसएलयूके 000400 77। मैसेज में कहा गया कि शिकायत ईईएसएल फील्ड टीम को फॉरवर्ल्ड कर दी गई है। 48 घंटे में शिकायत दूर हो जाएगी। मैसेज के दूसरे पार्ट में जानकारी थी कि आप गूगल प्ले स्टोर से ईईएसएल संपकर्, नाम है ऐप का। इस ऐप को डाउनलोड करके भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और अपनी कंपलेंट को ट्रैक भी कर सकते हैं। तो साहब मैंने भी तुरंत ऐप डाउनलोड किया और खुशी-खुशी घर लौट आया। 21 जुलाई को मेरे फोन पर एसएसईएल कंपनी का मैसेज आया। मुझे पता चला कि मेरी जो शिकायत नंबर एसएलयूके 00040077 थी, उसका निराकरण हो चुका है।

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मैंने 21 जुलाई की शाम को ईईएसएल ऐप पर फिर से शिकायत डाली। पिछली शिकायत का नंबर भी लिखा और कहा कि शिकायत सॉल्व करने कोई नहीं आया। पहले जैसी ही स्थिति है। फिर से मेरे पास मैसेज आया कि मेरी कंपलेंट का नंबर एसएलयूके 000 403 83 है। फिर से कंपलेंट फील्ड टीम को फॉरवर्ल्ड करने और 48 घंटे में सॉल्व होने की बात कही गई। आज 9 अगस्त तक वे 48 घंटे खत्म नहीं हो पाये हैं। हां लगता है ईईएसएल ऐप जरूर खत्म हो गया है, क्योंकि मेरे मोबाइल पर तो खुल नहीं रहा। आपके मोबाइल पर खुले तो मेरी कंपलेंट का नंबर डालकर ट्रेक कीजिएगा प्लीज।

अब जरा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की भी बात कर लेते हैं। खबर के अनुसार मुख्यमंत्री ने 25 जुलाई को सचिवालय में सीएम हेल्पलाइन पर आने वाली शि कायतों की समीक्षा की और इस हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिये।

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ये अच्छा किया कि समीक्षा करने के निर्देश दिये। शिकायतों का निराकरण करने के निर्देश नहीं दिये। मुख्यमंत्री जी भी जानते हैं कि शिकायतों को निराकरण तो होना नहीं, फिर क्यों अपने निर्देशों की भद पिटवानी? इसलिए शिकायतों का निराकरण करने के नहीं बल्कि शिकायतों की नियमित समीक्षा करने का निर्देश देने का लारा लप्पा थमा दिया, जनता के हाथ में। मैं ये क्यों कह रहा हूं कि शिकायतों का निराकरण तो होना नहीं। ये भी सुन लीजिए। जिस दिन यानी 25 जुलाई को, मुख्यमंत्री शिकायतों की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दे रहे थे, उससे चार दिन पहले यानी 21 जुलाई को मैंने मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी स्ट्रीट लाइट की शिकायत दर्ज करवाई थी। दरअसल बिना निराकरण किये ही निराकरण करने का मैसेज आया तो मुझे लगा कि ये शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर जाएगी तो अधिकारियों की हवा टाइट हो जाएगी। तुरंत काम करवा देंगे।

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इस शिकायत के दर्ज होने का मैसेज भी आप देख लीजिए। 21 जुलाई सुबह 9 बजकर 16 मिनट पर दर्ज हुई है। यू के सी एम एच एल- शायद फुलफॉर्म उत्तराखंड चीफ मिनिस्टर हेल्प लाइन होगा। लिखा है- आपके द्वारा प्राप्त जानकारी को दर्ज कर लिया गया है। जिसका अनुरोध / शिकायत क्रमांक सीएमएचएल 072024-2-596120 है। सीएम हेल्प लाइन की सेवा लेने के लिए धन्यवाद। धन्यवाद पढ़ते ही मैं तो गद्गद् हो गया। सीएम साहब की हेल्पलाइन मेरे जैसे आदमी को धन्यवाद बोल रहा था। मैंने मन ही मन कई बार धन्यवाद दिया, सीएम साहब को और स्ट्रीट लाइट दुरुस्त होने का इंतजार करने लगा। आज 17 दिन बाद भी स्ट्रीट लाइट देखने तक कोई नहीं आया। अरे हां, बीच में किसी दिन एक अधिकारीनुमा आदमी या आदमीनुमा अधिकारी का फोन आया था। पूछा आपकी स्ट्रीट लाइट ठीक करने कोई आया। मैंने कहा नहीं। इससे पहले कि मैं पूछता कब तक ठीक होगी साहब, तब तक फोन कट गया।


तो देहरादून में, और पूरे उत्तराखंड में, इस तरह से आम जनता की शिकायतें दे-दनादन ठीक हो रही हैं। आप की भी कोई शिकायत है और उसे दनादन ठीक करवाना है तो हेल्प लाइन पर कंपलेन करें। और मुख्यमंत्री साहब किसी को मिलें तो मेरी तरफ से एक रैबार जरूर दे देना। कहना कि भाई बहुत शानदार। तुम्हारे ऐप और तुम्हारी हेल्प लाइन ने बड़े लठ गाड़ रखे हैं। इनका शिकायत निस्तारण का काम थोड़ा ढीला करवा दो, वरना किसी दिन पता चलेगा कि बाकी देश तो पीछे रह गया और उत्तराखंड विकास के मामले में अमेरिका और जो भी बाकी विकसित देश हैं, उनसे आगे चला गया। ऐसे में बाकी देशवासियों को बहुत कष्ट होगा।

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