उत्तराखंड का स्पार्टकस : त्रेपन सिंह चौहान Trepan Singh Chauhan : The Spartacus Of Uttarakhand
पुण्यतिथि पर त्रेपन चौहान को याद कर रहे हैं अरुण कुकसाल
अरुण कुकसाल
मित्र, त्रेपन सिंह चौहान की छवि मेरे मन-मस्तिष्क में ‘विश्व प्रसिद्ध साहित्यकार हावर्ड फास्ट के नायक ‘स्पार्टकस’ की तरह है जो कि सामाजिक-राजनैतिक सत्ता के अन्याय के विरुद्ध हमेशा आन्दोलित रहता रहा। ‘स्पार्टकस’ का निजी जीवन भी संघर्ष की सेज पर रहा, परन्तु अपने स्वाभाविक स्वभाव से उसके अधरों पर हर समय मनमोहक मुस्कान, प्रेम और खुशियों के गीत समाये रहते रहे। क्योंकि वह आश्वस्त था कि दुनिया का आने वाला कल आज से बेहतर होगा। यही सकारात्मकता उसे अन्याय से लड़ने की ताकत और जीने का जज्बा प्रदान करता था’। त्रेपन सिंह चौहान की जीवनीय जीवटता से परिचय दिलाती उनकी यह 16 अक्टूबर, 2016 की फेसबुक पोस्ट को पढ़िए तो जरा- ‘चेतना आन्दोलन की देहरादून में 18 अक्टूबर की ‘श्रम का सम्मान: नये भारत के लिए नया उत्तराखंड’ साइकिल रैली’ बेहद सफल रही।…..यह रैली मेरी कड़ी परीक्षा ले गई। वक्त भी कभी-कभार आदमी को अतीत के उस बिन्दु पर खड़ा कर जाता है, जिसको वह कभी याद नहीं रखना चाहता। परन्तु वो है कि एक टीस के रूप में उसके अंदर हर समय चुबन पैदा करता रहता है।